PDF क्या होता है ? पूरी जानकारी

 

PDF एक फाइल फॉर्मेट सिस्टम होता है इसका Full Form यानि पूरा नाम “पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मेट” –“Portable Document Format” होता है | शुद्ध हिन्दी में इसे “वहनीय दस्तावेज़ स्वरूप” कहते हैं, “वहनीय” शब्द का मतलब छोटा या मोड़ने वाला होता है | जिस तरह माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, पॉवर पॉइंट इत्यादि सॉफ्टवेयर में बनायें गएँ फाइल होते हैं उसी प्रकार पीडीऍफ़ भी एक फाइल होता है इसे भी लोग अपने जरुरत के अनुसार बनाते हैं |

Full information about pdf

PDF को लोग PDF File, PDF Document, PDF इत्यादि के नाम से बोलते और जानते हैं | PDF फाइल एक Portable फाइल होती है इसे एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस पर शेयर करने के लिए काफी अच्छा माना जाता है | पीडीऍफ़ फाइल को जब आप किसी के साथ शेयर करते हैं तो उस Condition में इस फाइल में कोई भी गड़बड़ी होने का Chance जीरो होता है यानि इस फाइल में कोई भी गड़बड़ी जैसे कोई टेक्स्ट इधर-उधर होना, इमेज मूव होने, टेक्स्ट फॉर्मेटिंग, भाषा का Problem इस तरह के कई गड़बड़ी से यह फाइल बची रहती है | चाहे सामने वाले व्यक्ति यानि जिसे आपने यह फाइल शेयर किया है उसके डिवाइस में कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम हो, एप्लीकेशन हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है | जिस तरह हर फाइल फॉर्मेट का अपना एक अलग एक्सटेंशन होता है उसी प्रकार PDF फाइल का Extension .pdf होता है | इस एक्सटेंशन से यह पता चलता है कि यह PDF फाइल है |

पीडीएफ का आविष्कार कब हुआ और किसने किया ? और पीडीएफ का इतिहास – When was PDF invented and Who is Invented ? and History of PDF

जब इंसान को किसी चीज की जरुरत पड़ती है तो वह उसका शुरुआत या अविष्कार करता है ठीक उसी प्रकार जब कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का अविष्कार हुआ और जब इसमें फाइलें बनाई जाने लगी और फिर किसी फाइल को किसी दूसरे व्यक्ति के साथ उसके डिवाइस में जैसे कंप्यूटर, मोबाइल, टेबलेट, ईमेल में इत्यादि में शेयर करने की जरुरत पड़ी तो उस समय पीडीऍफ़ फाइल फॉर्मेट सिस्टम नहीं था, तो लोग डायरेक्ट ओरिजिनल यानि जिसे हम आम भाषा में कच्चा फाइल कहते हैं

डायरेक्ट उसे ही इन्टरनेट, ब्लूटूथ इत्यादि के द्वारा किसी के डिवाइस में शेयर किया जाता था और जब वह व्यक्ति उस फाइल को ओपन यानि खोलता था तब उस फाइल में बहुत से गड़बड़ी हो जाती थी जैसे फॉण्ट फॉर्मेट अलग, इमेज इधर-उधर, लिखे हुए टेक्स्ट इधर-उधर और इस तरह के फाइल को पढ़ना और समझा कठिन हो जाता था क्योंकि जिसने यह फाइल ओपने किया है उसके पास डिवाइस कोई ओर है, ऑपरेटिंग सिस्टम अलग है, सॉफ्टवेयर अलग है, सॉफ्टवेयर के वर्शन अलग है इत्यादि, इस कारण फाइल में काफी गड़बड़ी होती थी |

तब 1990 में Adobe कंपनी के Founder “adobe John Warnock” ने Camelot नाम की एक सिस्टम का शुरुआत किया जिसका मुख्य काम था एक ऐसा पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फॉर्मेट सिस्टम तैयार करना जिसे आसानी से किसी के साथ किसी भी सिस्टम पर शेयर किया जा सके और इसे आसानी से पढ़ा व समझा जा सके और प्रिंट किया जा सके | शुरूआती समय में PDF का इस्तेमाल सिर्फ कंप्यूटर सिस्टम के लिए ही बनाया गया था और यह केवल कंप्यूटर पर ही काम कर सकता था कुछ समय बाद इसे मोबाइल जैसे एंड्राइड और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम और डिवाइस के लिए भी कर दिया गया | क्योंकि PDF की शुरुआत Adobe कंपनी ने की थी इसलिए सन 1993 से 2008 तक PDF फाइल सिस्टम पर केवल Adobe कंपनी का ही Rights था और यह कंपनी इस सर्विस को चलाती थी उसके बाद यानि 2008 के बाद PDF फाइल फॉर्मेट सिस्टम को Public Patent License के अंतर्गत किया गया और इसे royalty free फ्री करके यूनिवर्सल फाइल फॉर्मेट सिस्टम कर दिया गया और सभी लोगो और कंपनी, संस्था के लिए Allow कर दिया गया, अब PDF का उपयोग कोई भी कर सकता है |

पीडीएफ का क्या Use है ? – What is the Use of PDF ?

पीडीऍफ़ फाइल को आप एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस पर आसानी से शेयर कर सकते हैं शेयर करने के लिए आप इन्टरनेट कनेक्शन, ब्लूटूथ इत्यादि सर्विस का उपयोग कर सकते हैं | पीडीऍफ़ फाइल किसी भी तरह के सिस्टम और डिवाइस में आसानी से देखा जा सकता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित रहती है इसमें किसी भी प्रकार कि कोई भी गड़बड़ी भी नहीं होती है |

पीडीएफ के फायदे – Advantages of PDF

अगर बात पीडीऍफ़ फाइल फॉर्मेट के फायदे की करें, तो इस फाइल फॉर्मेट के अनगिनत कई बेहतरीन फायदे है जैसे:-

  1. पीडीऍफ़ फाइल में जो भी Material और Content आप उपयोग करते हैं दूसरे व्यक्ति और डिवाइस पर शेयर करने के बाद भी उस फाइल में वह चीजे उसी तरह से रहती है जैसा आपने उसे बनाया है |
  2. इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं होती है |
  3. इसे शेयर करना और ओपन करना आसान होता है |
  4. इसमें कोई भी वायरस लगने का खतरा भी नहीं होता है |
  5. इसे आप कॉम्प्रेस करके इसका साइज़ कम कर सकते हैं और फाइल का Material और Content का क्वालिटी भी खराब नहीं होती है |
  6. इस फाइल को लम्बे समय के लिए रखा जा सकता है |
  7. इस फाइल को जैसा आप बनायेगें यह हमेशा वैसा ही पड़ा रहता है |
  8. कई फाइलों को मिला कर एक पीडीऍफ़ फाइल बना सकते हैं |
  9. PDF फाइल को पासवर्ड लगा कर लॉक करके भी रख सकते हैं |
  10. आज के समय में बैंक स्टेटमेंट, स्कूल, सर्टिफिकेट, मार्कशीट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी इत्यादि सभी डाक्यूमेंट्स को जब आप डाउनलोड करते हैं तो वह भी पीडीऍफ़ फॉर्मेट में ही होती है |

पीडीएफ के नुकसान – Disadvantages of PDF

हर चीज के कुछ फायदे और नुक्सान होते हैं ठीक उसी प्रकार पीडीऍफ़ फाइल के भी कुछ छोटे-बड़े नुक्सान होते हैं जैसे:-

  1. PDF फाइल फॉर्मेट बनाने के लिए PDF Maker सॉफ्टवेयर चाहिए |
  2. इस फाइल को एडिट करना कठिन होता है क्योंकि इसे एडिट करने के लिए PDF Editor और PDF Maker जैसे टूल्स की जरुरत होती है |
  3. अगर आपने कोई पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड किया है या किसी ने आपको भेजा है तो उसे ओपन करने के लिए PDF Reader या PDF Viewer जैसे सॉफ्टवेयर की जरुरत होती है तभी यह फाइल आपके सिस्टम यानि डिवाइस में ओपन होगी |
  4. PDF फाइल से किसी भी चीज जैसे टेक्स्ट, इमेज, लिंक, फॉर्मेट इत्यादि को कॉपी करना कठिन होता है |
  5. अगर किसी पीडीऍफ़ फाइल में टेक्स्ट की साइज़ काफी छोटी है तो उसे आप तुरंत बढ़ा कर नहीं देख सकते हैं |

पीडीऍफ़ के बारे में और भी ज्यादा पढने के लिए दूसरे आर्टिकल देखें – PDF फाइल बनाना सीखें 

 

 

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